सैनिकों की सुरक्षा के लिए बड़ी-बड़ी बातें करने वाली मोदी सरकार में भी अर्धसैनिक बलों का है बुरा हाल, हजारों सैनिकों ने दिया इस्तीफा

Original Content Publisher  bebakmanch.com -  3 yrs ago

प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर अपने सबसे करीबी नेता अमित शाह को गृह मंत्रालय का कार्यभार सौंपा। अमित शाह गृहमंत्री के तौर पर बड़े फैसले लेते हैं जिससे आम जनता को बहुत कुछ झेलना पड़ता है। फिलहाल अर्धसैनिक बलों की जिम्मेदारी अमित शाह के अधीन ही आती है। उसी गृहमंत्रालय से एक ताजा मामला सामने आया है जिसमें अर्धसैनिक सुरक्षा बलों में एक साथ भारी मात्रा में कर्मचारियों का समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली है।

गृह मंत्रालय ने आंकड़े जारी करते हुए बताया है कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) जैसे अर्धसैनिक बलों में पिछले एक दशक में 81,000 जवानों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है। इसमें से 11 हजार जवानों ने साल 2017 में ही सेवानिवृत्ति ली है। वहीं इस्तीफा देने वाले जवानों की भी संख्या बहुत बड़ी है। 2011 से 2020 के बीच 15,904 जवानों ने इस्तीफा दे दिया है। साल 2013 में सबसे ज्यादा 2332 जवानों ने इस्तीफा दिया है. इन आंकड़ों में CRPF, BSF, इंडो-तिब्ब्त सीमा पुलिस, सशस्त्र सीमा बल (SSB), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और असम राइफल्स के कर्मचारी शामिल हैं।

इससे साफ है कि यूपीए सरकार में भी अर्धसैनिक बलों सेवानिवृत्ति और इस्तीफे तेजी से हो रहे थे और राष्ट्रवाद की राजनीति करने वाली भाजपा की सरकार में भी यह सिलसिला जारी रहा। यहां तक कि राष्ट्रवाद की सबसे ज्यादा बात करने वाले अमित शाह के गृह मंत्रालय संभालने के बाद भी अर्धसैनिक बलों की दुर्गति जारी रही।

सुरक्षा कर्मियों का इतनी बड़ी संख्या में एक साथ अलग होने का कोई ठोस कारण गृहमंत्रालय ने नहीं बताया है। उनका मानना है कि ज्यादातर कर्मचारियों ने अपने निजी और पारिवारिक कारणों से समय से पहले सेवानिवृत्ति लेते हैं या इस्तीफा देते हैं। एक कारण ये भी है कि उन्हें अर्धसैनिक बल में काम करने से बेहतर विकल्प मिलने पर वो इस्तीफा दे देते हैं।




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